दुबई में हुआ करोड़ों का घोटाला, इन दो भारतियों को मिली 500 साल की सज़ा!

हाल ही में दुबई में गोवा के रहने वाले 2 लोगों को 500-500 साल की सजा सुनाई है. दरअसल दुबई कोर्ट में यह सजा 37 साल के सिडनी लेमोस और उनके अकाउंट स्पेशलिस्ट 25 साल के रियान डिसूजा को 200 मिलियन डॉलर के घोटाले में हजारों निवेशकों को धोखा देने के लिए सुनाई गई है. सिडनी लिए मोसकी बड़े-बड़े फुटबॉल खिलाड़ियों से पहचान थी. दुबई कोर्ट ने यह बात साफ कह दी है कि भले ही यह लोग जमानत के लिए कितनी भी अपील कर दें लेकिन इन्हें उम्र कैद की सजा से कोई नहीं बचा सकता और ना ही इन्हें कोई ज़मानत दिलवा पाएगा.
दरअसल साल 2011 में सिडनी लेमोस ने एक कंपनी खोली जिसका नाम उसने एक्जेंशियल रखा. इस कंपनी में रियान को सीनियर अकाउंट स्पेशलिस्ट बनाया गया. कंपनी ने एक स्कीम निकाली जिसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति इस कंपनी में न्यूनतम 16 लाख रुपए रुपए निवेश करता तो उसको सलाना 120 फ़ीसदी मुनाफा कमाने का लालच दिया गया. सूत्रों के अनुसार यह कंपनी विदेशी करेंसी का कारोबार करती है. इस कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने के लिए हर व्यक्ति को फोरेक्स अकाउंट खुलवाना पड़ता था.
हालांकि कंपनी के शुरुआती दिनों में अपने इन्वेस्टर्स को निर्धारित मुनाफा दिया परंतु धीरे-धीरे उन्होंने पैसा देना बंद कर दिया. इसी के चलते मार्च 2016 में कंपनी ने कहा कि उनकी स्कीम डूब गई है अब वह मुनाफा नहीं दे सकते. फिल्म उसकी पत्नी वलाने के अनुसार कंपनी यह कंपनी सच में डूब गई थी.
कंपनी से मुनाफा ना मिलने के कारण लेमोस के खिलाफ लगभग 513 केस दर्ज किए गए. जिसके चलते जुलाई 2016 में इस कंपनी के इकनोमिक डिपार्टमेंट पर ताला लगा दिया गया. ब्रह्मोस और ज्ञान के साथ-साथ एवं उसकी पत्नी वलाने कोरडोजो पर भी केस दर्ज किया गया. पुलिस के अनुसार लेमोस की पत्नी दिसंबर 2017 में ताला बंद दफ्तर में चुपचाप घुसकर कागजात निकाल कर ले गई थी. 2017 की जनवरी में पुलिस ने लेमोस को दोबारा अरेस्ट कर लिया परंतु इसी बीच पत्नी वलाने भागकर भारत आ गई. रियान ने भी भागने की हर कोशिश की परंतु वह पकड़ा गया.
साल 2015 में गोवा के फुटबॉल क्लब एफसी गोवा को उसकी ही एक कंपनी “एफ सी प्राइम मार्केटस” ने स्पॉन्सर किया था. दरअसल IPL की तरह ही फुटबॉल का आईएसएल गोवा में काफी प्रचलित है. इस ISL में सचिन तेंदुलकर, अभिषेक बच्चन और रणबीर कपूर जैसी बड़ी हस्तियों ने भी पैसा लगाया हुआ है. आईएसएल के कारण ही लेमोस की इसके खिलाड़ियों से काफी पहचान बनी हुई थी.
जहां एक तरफ दुबई की कोर्ट ने लेमोस मुजरिम करार देते हुए 500 साल की कैद सुनाई, वहीं दूसरी ओर फरार पत्नी के अनुसार फर्जीवाड़े वाली बात झूठी है और सच में ये कंपनी डूब चुकी थी. पत्नी वलाने के अनुसार 2011 से 2015 तक इस कंपनी ने इनवेस्टर को प्रॉफिट दिया. लेकिन धीरे-धीरे एक बैंक खाता बंद होने से कंपनी के लिए परेशानियों का दौर शुरू हो गया और आखिरकार यह कंपनी बंद करनी पड़ी. लेमोस ने अपनी कंपनी के जरिये लोगों को प्रलोभन दिया कि वह 25 हजार डॉलर के निवेश पर उन्हें 120 प्रतिशत का न्यूनतम सालाना रिटर्न देगा लेकिन ऐसा ना करने पर दुबई कोर्ट ने लेमोस को दोषी करार दे दिया.